17 जातियों के लिए आरक्षण नहीं होगा तो बड़ा आंदोलन, 14 सितम्बर 2020 को सभी जिलों में दिए जाएंगे राष्ट्रपति के नाम आरक्षण लागू करने के लिए ज्ञापन-विशम्भर प्रसाद निषाद (राज्यसभा सांसद/पूर्व लोकसभा सांसद/पूर्व मंत्री उत्तर प्रदेश सरकार)।
आज 17 जातियों के मझबार, तुरैहा, गौंड़, बेलदार, तरामली, शिल्पकार के परिभाषित अनुसूचित जाति के आरक्षण को लागू कराने के लिए आज पहली बार वर्चुअल वीडियो मीटिंग का आयोजन किया गया। इस वीडियो मीटिंग के माध्यम से उत्तर प्रदेश और केंद्र सरकार को संदेश दिया गया कि वर्षों से चली आ रही मछुआ समुदाय की विभिन्न जातियों और मझबार, तुरैहा, गौंड़, बेलदार, तरामली, शिल्पकार की पुकारू 17 विभिन्न जातियों के आरक्षण तत्काल लागू करे, अन्यथा यह यह समाज जिसकी आवादी लगभग 17 प्रतिशत है अपने आरक्षण के लिए अब फिर सड़क से संसद तक लड़ाई लड़ने कर सरकार बदलकर अपने आरक्षण को प्राप्त करने को मजबूर होगा और इसके लिए पहले 14 सितम्बर को भारत के राष्ट्रपति के नाम सभी जिलों में इस समुदाय के विभिन्न संगठनों के माध्यम से एक ज्ञापन देकर आरक्षण लागू कराने के लिए मांग रखेगा। इस ज्ञापन कार्यक्रम में 17 जातियों के सभी सामाजिक संगठनों से अपने अपने पेड पर आरक्षण का ज्ञापन 14 सितम्बर को देने का आव्हान आज के कार्यक्रम के मुख्य आयोजक पूर्व मंत्री और राज्यसभा सांसद विशम्भर प्रसाद निषाद ने किया।
ढाई घंटे से ज्यादा समय तक तीन सेसन में चली इस वर्चुअल मीटिंग में उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्यप्रदेश, दिल्ली के नेताओं, सामाजिक कार्यकर्ताओं में पूर्व मंत्री/सांसद संख लाल मांझी, पूर्व सांसद रामचरित्र निषाद, पूर्व सांसद डॉ. अनिल कुमार सहानी, पूर्व मंत्री राज्यमंत्री पप्पू निषाद, पूर्व विधायक ओमप्रकाश वर्मा, पूर्व जेलर (दिल्ली) अमरदास, एकलव्य मानव संदेश के सम्पादक जसवन्त सिंह निषाद सहित बड़ी संख्या में जुड़े पूर्व नौकरशाह, नेता, वकील, राजनेताओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने संबोधित किया और सुना।
कार्यक्रम का सफल संचालन रामपुर के सामाजिक कार्यकर्ता अरुण कुमार तुरैहा ने किया।